लखनऊ। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने नशीले कफ सिरप और कोडीनयुक्त दवाओं की अवैध तस्करी से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। जांच टीम ने लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र से एक अहम आरोपी अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार किया, जो कई राज्यों में फैले इस अवैध सप्लाई नेटवर्क का सक्रिय हिस्सा माना जा रहा है।

एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि आरोपी लंबे समय से अवैध रूप से नशीला कफ सिरप खरीदकर विभिन्न जिलों में सप्लाई कर रहा था। मामले की गंभीरता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि आरोपी और उसके नेटवर्क द्वारा अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये का नशीला कफ सिरप खरीदा गया है।

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अवैध कफ सिरप नेटवर्क कई राज्यों में फैला था
जांच में सामने आया कि आरोपी केवल यूपी तक ही सीमित नहीं था। उसका नेटवर्क—
बिहार
झारखंड
पश्चिम बंगाल
हरियाणा
दिल्ली
उत्तराखंड
जैसे राज्यों में सक्रिय था।
नशीले कफ सिरप की डिमांड युवा वर्ग में काफी बढ़ी है, जिसके कारण यह नेटवर्क तेजी से फैलता गया। अवैध बाजार में कफ सिरप की कीमत कई गुना तक बढ़ जाती है, जिससे तस्करों को भारी मुनाफा होता है।
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पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी से जुड़े तार
पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया कि उसका संपर्क पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी शुभम जायसवाल से रहा है।
एसटीएफ इस पहलू की भी विशेष रूप से जांच कर रही है कि क्या नेटवर्क को किसी तरह का राजनीतिक संरक्षण या लॉजिस्टिक सपोर्ट मिला था।
हालांकि, एसटीएफ ने अभी तक किसी बड़े राजनीतिक नाम को आरोपी नहीं बताया है, लेकिन जांच इस दिशा में जारी है।
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5 लाख रुपये लगाकर 22 लाख कमाए — सुपर प्रॉफिट मॉडल पर चलता था रैकेट
जांच के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आरोपी ने बताया कि उसने सिर्फ 5 लाख रुपये का निवेश किया था जिसके बदले उसे 22 लाख रुपये की कमाई हुई।
यह बताता है कि नशीले कफ सिरप का अवैध कारोबार कितना लाभदायक है।
यही वजह है कि रैकेट लगातार बढ़ता गया और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
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100 करोड़ रुपये की खरीद का खुलासा — जांच को मिला बड़ा सुराग

एसटीएफ के हाथ एक बड़ा सुराग लगा है जिसमें आरोपी द्वारा 100 करोड़ रुपये तक के नशीले कफ सिरप की खरीद का उल्लेख है।
इतनी बड़ी मात्रा में खरीद के लिए—
फर्जी दवा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियाँ
नकली जीएसटी नंबर
हॉकरों के नाम पर बैंक खाते
और काले धन का लेनदेन
जैसी चीज़ों का उपयोग किया गया।
एसटीएफ इस वित्तीय नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही कई और नाम सामने आने की संभावना है।
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मोबाइल डेटा और दस्तावेजों से बड़ी जानकारी मिली
गिरफ्तारी के बाद आरोपी के मोबाइल, लैपटॉप और दस्तावेजों की जब एसटीएफ ने जांच की, तो कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आईं। इनमें शामिल हैं—
कफ सिरप सप्लाई लिस्ट
ट्रांसपोर्ट शेड्यूल
व्हाट्सऐप चैट्स
भुगतान रसीदें
गोदाम लोकेशन
इन सबके आधार पर एसटीएफ ने दूसरे राज्यों की एजेंसियों से भी संपर्क शुरू कर दिया है।
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कफ सिरप क्यों है खतरनाक? स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जताई चिंता
कोडीनयुक्त कफ सिरप को नशीले पदार्थ की श्रेणी में रखा जाता है। इसका गलत उपयोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है जैसे—
सांस रुकना
मानसिक असंतुलन
लत लग जाना
नर्वस सिस्टम पर प्रभाव
ओवरडोज से जान जाने का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या युवाओं में तेजी से बढ़ रही है और इसे रोकना बेहद जरूरी है।
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जांच से पता चला — रैकेट और भी बड़ा हो सकता है
एसटीएफ ने बताया कि आरोपी सिर्फ इस बड़े नेटवर्क का एक हिस्सा है।
उसके बयान से पता चला कि—
कई ट्रांसपोर्टर
कुछ मेडिकल स्टोर मालिक
और नकली बिलिंग करने वाली एजेंसियाँ
भी इस नेटवर्क में शामिल हो सकती हैं।
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राष्ट्रीय स्तर का सिंडिकेट होने की आशंका
कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में दवा की खरीद केवल स्थानीय स्तर का मामला नहीं हो सकता।
यह संभव है कि यह एक राष्ट्रीय स्तर का फार्मा-तस्करी नेटवर्क हो, जिसकी जड़ें कई राज्यों में फैली हों।
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एसटीएफ की कार्रवाई जारी, कई और गिरफ्तारियाँ संभावित
जांच एजेंसी ने कहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियाँ की जाएँगी।
साथ ही, वित्तीय और डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी खंगाला जा रहा है।
यह भी संभावना है कि जल्द ही इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड का नाम भी सामने आ जाए।